कभी इंटीरियर के लिए मुफीद माने जाने वाले चटख रंगों का प्रयोग अब इमारतों के एक्सटीरियर में भी खूब हो रहा है। कानपुर में पिछले कुछ वर्षों में बनी और वर्तमान में बन रहीं इमारतों पर नजर डालने पर पता चलता है कि शहर में चटख रंगों वाली इमारतों की संख्या बढ़ती ही जा रही है
इन्हें आप आधुनिक काल की स्थापत्य कला का आरंभिक नमूना मान सकते हैं। आरंभिक इसलिए कि शायद भविष्य के कानपुर में आपको ऐसी इमारतें बहुतायत में देखने को मिलें। इन आधुनिक बिल्डिंगों की कई विशेषताएं इन्हें दर्शनीय बनाती हैं। नीले, लाल, नारंगी, हरे जैसे ब्राइट कलर्स का खूब प्रयोग किया जाता है। साथ ही किसी माडर्न आर्ट सरीखी आड़ी-तिरछी रेखाएं भी इन इमारतों की खास पहचान होती हैं।
रेव-थ्री, रेव मोती, यूनिवर्सिटी के थियेटर हॉल, मेगा मॉल्स, कुछ स्कूल्स और रेनोवेट हुईं कुछ टाकीजों का नाम ऐसी इमारतों में लिया जा सकता है। इस ट्रेंड के बारे में इंटीरियर डिजाइनर दिव्या पाण्डेय कहती हैं, ''लाल-नीले-पीले जैसे चटख रंगों वाली बिल्डिंग्स लोगों का ध्यान आकर्षित करती हैं, इसलिए पब्लिक प्लेसेस की बिल्डिंग्स में ऐसे रंगों का खूब प्रयोग किया जा रहा है।'
दिव्या की बात पर समर्थन जाहिर करते आनंद बिल्डर्स के आनंद गुप्ता कहते हैं, ''चटख रंगों का इस्तेमाल रेजीडेंशियल की अपेक्षा कामर्शियल बिल्डिंग्स में अधिक होता है। 'जो दिखता है वही बिकता है' स्लोगन इस चलन पर पूरी तरह से फिट बैठता है। लोग बिल्डिंग की तरफ आकर्षित हों, इस उद्देश्य के तहत ऐसे रंगों का प्रयोग किया जाता है।'
चटख रंगों वाली यह इमारतें कानपुराइट्स को आकर्षित तो कर ही रही हैं, साथ ही कानपुर को रंग-बिरंगा खूबसूरत लुक भी प्रदान कर रही हैं। इंटीरियर डेकोरेटर विवेक वर्मा के मुताबिक बेहतर कलर स्कीम इमारत की डिटेल को खुल कर और बेहतर तरीके से उभारती है। चटख रंगों वाली बिल्डिंगों की कलर स्कीम्स में रंगों के साथ ही माडर्न आर्ट सरीखी रेखाएं, मैनेक्वीन्स, स्टैचू आदि चीजों का भी प्रयोग किया जाता है। लोगों को आकर्षित करने के साथ ही इनका उद्देश्य अपनी इमारत को अलग अंदाज प्रदान करना होता है।
आजकल नयी बनने वाली इमारतों में चटख रंगों के साथ ही ग्लास का चलन भी देखने को मिल रहा है। ग्लास और लुभाते रंगों वाली इन इमारतों ने नवीन निर्माण शैली को जन्म दिया है। दूर से चमकती इन इमारतों को रुक कर देखते लोगों को देख कर कहा जा सकता है कि यह इमारतें लोगों को आकर्षित करने के अपने उद्देश्य में कामयाब हैं!
aapka hardik swagat hai
ReplyDeleteकनपुरिया भाई स्वागत है आपका। ब्लॉग के विश्व में।
ReplyDeleteकानपुर की याद दिला दी आपने…
ReplyDeleteमेरे ब्लोग पर स्वात है
ReplyDeleteलिखते रहें
bachpan me ek bar kanpur aaya tha. narayan narayan
ReplyDeleteकानपुर से तो हमारी भी कईं यादें जुडी हुई हैं.....
ReplyDeleteबहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
ReplyDeleteआपका ब्लाग जगत में स्वागत है-आईये!!
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